इस सप्ताह फेड की अहम बैठक के अलावा दूसरे ग्लोबल फैक्टर महत्वपूर्ण होंगे| भारतीय शेयर बाजार इस साल ग्लोबल मार्केट से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पिछला सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक शानदार सप्ताह रहा था, जहां निफ्टी और सेंसेक्स ने 17,793 और 59,737 के अपने नए उच्चतम स्तर को छुआ, साथ ही बैंक निफ्टी भी अपने उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गया है| टेलीकॉम क्षेत्र के लिए राहत पैकेज, बेड बैंक की घोषणा, एफआईआई द्वारा जोरदार खरीदारी, और बड़े पैमाने पर शॉर्ट-कवरिंग भारतीय शेयर बाजारों के बेहतर प्रदर्शन के प्रमुख कारण थे।
कैसा रहेगा यह सप्ताह?
बेहतर प्रदर्शन के बाद भारतीय बाजार के लिए अगला हफ्ता महत्वपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि ग्लोबल बाजारों में कुछ कमजोरी है जहां 21-22 सितंबर को होने वाली एफओएमसी की बैठक का नतीजा एक महत्वपूर्ण फैक्टर होगा। ऐसी संभावना है कि यूएस फेड बॉन्ड टेपरिंग की समय-सीमा के बारे में बात कर सकता है जो नवंबर तक हो सकती है और इस वजह से ग्लोबल इक्विटी बाजारों में सतर्कता देखने को मिल सकती है| चीन से मंदी के कुछ संकेत मिल रहे है जो भी चिंता का एक विषय है, विशेष रूप से मेटल सेक्टर के लिए जहां अधिकांश मेटल शेयरों में पिछले सप्ताह से ही कमजोरी दिखाई देने लगी है। यूएस फेड के अलावा, बैंक ऑफ जापान भी 22 सितंबर को अपनी मोनेटरी पॉलिसी जारी करेगा। अमेरिका और अन्य देशों में बढ़ते COVID-19 के मामले भी बाजार के मूड को बिगाड़ सकते हैं।
डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बांड यील्ड पर रहेगी नज़र
डॉलर इंडेक्स का उतार-चढ़ाव और यूएस बॉन्ड यील्ड भारत जैसे उभरते बाजारों के चाल में अहम भूमिका निभाएंगे। डॉलर इंडेक्स 93.5 के महत्वपुर्ण रेसिस्टेन्स स्तर के आसपास कारोबार कर रहा है और अगर यह इस स्तर को पार करने में सक्षम हो जाता है तो हमे इसमे तेज उछाल की उम्मीद कर सकते हैं, इसके अलावा यूएस 10-ईयर बॉन्ड यील्ड भी निचले स्तरो से उछाल के संकेत दे रही हैं। यदि डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि होगी तो एफआईआई की रणनीति को देखना महत्वपूर्ण होगा क्योंकि हमने पिछले कुछ दिनों में एफआईआई द्वारा बड़ी खरीदारी देखी है और इससे लार्ज-कैप शेयरों में अच्छी तेजी आई है।
टेक्निकल आउटलुक
हम एक मजबूत बुल मार्केट में हैं और हमारा मानना है कि यह अगले 2-3 वर्षों तक जारी रह सकता है, लेकिन लंबे समय के बाद, कुछ फैक्टर ऐसे हैं जो संकेत देते हैं कि बाजार में एक शार्ट टर्म करेक्शन देखने को मिल सकता है| निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 30500 के रेजिस्टेंस से पलट रहा है और निफ्टी में भी 17800-17850 रेजिस्टेंस जोन के पास कुछ बिकवाली का दबाव देखा गया|
निचे की ओर 17,430-17,250 एक महत्वपूर्ण सपोर्ट क्षेत्र है; इससे नीचे, हमें बाजार में कमजोरी देखने को मिल सकती है और निफ़्टी 16,700 के स्तर की ओर अग्रसर हो सकता है, जबकि अगर निफ्टी 17,800-17,850 क्षेत्र के ऊपर निकलने में कामयाब हो जाता है तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि यह 18000 के लेवल तक जा सकता है|