ग्लोबल सेंट्रल बैंको की आक्रामक नीति से कीमती धातुओं में बढ़ी अस्थिरता

ग्लोबल सेंट्रल बैंको की आक्रामक नीति से कीमती धातुओं में बढ़ी अस्थिरता।

पिछले सप्ताह के शुरुवात में सोने और चांदी के भाव में दबाव रहा लेकिन अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में अनुमान से अधिक वृद्धि करने से कीमतों में निचले स्तरों से सुधार दर्ज किया गया। यूएस फेडरल रिजर्व (फेड) ने बुधवार को 1994 के बाद से अपनी उच्चतम ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।

ब्याज दरों को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.75 प्रतिशत कर दिया है जबकि अनुमान 1.5 प्रतिशत तक वृद्धि का था। अमेरिका में मुद्रास्फीति 41 साल की उचाई पर पहुंच गई है जिसके कारण फेड की चिंता बढ़ गई है। इस महगाई को नियंत्रित करने के लिए फेड द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि और बैलेंस शीट कटौती का रुख अपनाया गया है।

आक्रामक मौद्रिक नीति का असर अमेरिका से जारी होने वाले आर्थिक आकड़ो में दिखाई देने लगा है और आर्थिक मंदी की सम्भावना बढ़ने लगी है जिससे सोने और चांदी की कीमतों को निचले स्तरों पर सपोर्ट है।

स्विस नेशनल बैंक ने भी गुरुवार को अप्रत्याशित रूप से दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की, जबकि बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों को बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत कर दिया। बैंक ऑफ जापान ने शुक्रवार को बढ़ती मुद्रास्फीति के बावजूद नीति को सरल रखने का फैसला किया, जबकि वैश्विक केंद्रीय बैंक सख्त मौद्रिक नीतियां अपना रहे हैं।

घरेलु वायदा बाज़ार में  सोना 1 प्रतिशत और  चांदी में 0.40 प्रतिशत की गिरावट रही। यूएस डॉलर इंडेक्स और यूएस बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड में भी ऊपरी स्तरों पर दबाव रहा। हालांकि, सोने की कीमते निचले स्तरों से सुधर कर 51100 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी के भाव 61700 रुपये प्रति किलो पर कारोबार करते दिखे।

तकनीकी विश्लेषण

सोने और चांदी के भाव में इस सप्ताह दबाव में रह सकते है। सोने में 50000 रुपये पर सपोर्ट है और 52000 पर प्रतिरोध है। चांदी में 58000 रुपये पर सपोर्ट और 63000 रुपये पर प्रतिरोध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *