स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौर ने कहा कि बाजार की नजरें रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी पर रहेगी. बाजार भागीदारों की नजर डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सितंबर में लगातार बिकवाल बने रहे. डॉलर के लगातार मजबूत रहने से एफपीआई ने भारतीय बाजार में बिकवाली की. कच्चे तेल का दाम 97 डॉलर प्रति बैरल के पास है. इन सब कारकों ने भी एफपीआई की बिकवाली को बढ़ावा दिया है.और पढ़ें: