वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में रेल मंत्रालय को 2,40,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. यह रेलवे को ऐलोकेट किया गया अब तक का सबसे ज्यादा पैसा था. जिसका उद्देश्य देश के रेलवे बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाना था. फ्रेश कैपिटल इंफ्यूजन, डेडीकेटिड फ्रेट कोरिडोर, वंदे भारत ट्रेन, हाई-स्पीड प्रोजेक्ट्स की शुरूआत, नए ट्रैक बिछाने और स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ इस सेक्टर पर सरकार के फोकस से आईआरएफसी, इरकॉन, टेक्समैको और टीटागढ़ वैगन्स जैसी कंपनियों को फायदा हुआ है और उनके शेयरों में उछाल आया.
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के सीनियर टेक्नीकल ऐनालिस्ट प्रवेश गौर ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि नए फ्रेट कोरिडोर या वंदे भारत एक्सप्रेस रूट्स का शुभारंभ इन क्षेत्रों में निर्माण, रोलिंग स्टॉक सप्लाई और ऑपरेशंस में शामिल कंपनियों के लिए नए अवसर दिए हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) पर जोर देने से प्राइवेट इंवेस्टमेंट आकर्षित करने, प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने और क्षेत्र के ओवरऑल ग्रोथ में योगदान करने की क्षमता है.