अमेरिका और चीन में बढ़ते कर्ज संकट से बढ़ी कीमती धातुओं की मांग

अमेरिका और चीन में बढ़ते कर्ज संकट से बढ़ी कीमती धातुओं की मांग।

सोने के भाव के लिए पिछले सप्ताह राहत भरा रहा और कीमतों मे निचले स्तरों से 1100 रुपये प्रति दस ग्राम तक का सुधार देखा गया। अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष हुए भाषण में फ़ेडरल बैंक प्रमुख जेरोम पॉवेल के मुताबिक मुद्रास्फीति साल 2022 तक रहेगी और रोज़गार बाजार में आगे सुधार की आवश्यकता होगी।

अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने ऋण सीमा (डेब्ट सीलिंग) पर चेताया की अमेरिकी ट्रेज़री 18 अक्टूबर तक संभवतः नगदी रहित हो जायेगा। जिसके बाद संसाधन सिमित रहेंगे और प्रतिबद्धता को पूरा करने में समस्या रहेंगी। और येलेन के मुताबिक अमेरिका इतिहास में पहली बार कर्ज भुकतान मे डिफ़ॉल्ट कर सकता है।

रिपब्लिकन ने विधेयक पारित करने से इनकार कर दिया है जो सरकार को एक बार फिर ऋण सीमा को निलंबित करने की अनुमति देगा। ऋण सीमा उस राशि की सीमा है जो अमेरिकी सरकार अपने ऋणों का भुगतान करने के लिए उधार ले सकती है। जिससे सोने के भाव में पिछले सप्ताह बढ़ोतरी देखि गई। उधर, चीन में रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड का भी कर्ज संकट गहरा रहा है।

जिसके कारण वैश्विक बाजार दबाव में है और डिफ़ॉल्ट होने की सम्भावना बढ़ी है। लेकिन अर्थव्यवस्था में कर्ज बढ़ने पर सोने में सेफ हेवन मांग सपोर्ट कर सकती है। नियामक ने भारत में सोने के हाजिर कारोबार और सिल्वर ईटीएफ को भी मंजूरी दी है। गोल्ड एक्सचेंज में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट के माध्यम से हाजिर सोने में कारोबार होगा। गोल्ड एक्सचेंज और सिल्वर ईटीएफ कीमती धातुओं के कारोबार को बढ़ाने और कीमतों में समानता और पारदर्शिता रहेगी।

तकनीकी विश्लेषण

इस सप्ताह, कच्चे तेल के बढ़ते हुए भाव के बीच ओपेक की बैठक, अमेरिकी पैरोल के आंकड़े और चीन में बढ़ते कर्ज संकट के बीच साप्ताहिक अवकाश, कीमती धातुओं के भाव को निचले स्तरों से सपोर्ट कर सकते है। दिसंबर वायदा सोने में 45700 रुपये पर सपोर्ट है और 46800 रुपये पर प्रतिरोध है। चांदी में 58000 रुपये पर सपोर्ट और 61000 रुपये पर प्रतिरोध है।

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