सोने में पिछले सप्ताह 900 रुपये की गिरावट आने के बाद निचले स्तरों से सुधार दर्ज किया गया और कीमते सप्ताह में सपाट रही। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े कमजोर रहने के कारण सोने में नीचले स्तरों से अच्छा सुधार देखा गया। छह प्रमुख मुद्राओ का मापक डॉलर में ऊपरी स्तरों पर हल्का दबाव रहा लेकिन सप्ताह में यह 0.18 प्रतिशत मजबूत हुआ है।
सोने में निवेशक फेड की अगली मौद्रिक नीति की प्रतीक्षा में है जिसमे संपत्ति खरीद कार्यक्रम को कम करने के लिए समय की घोषणा हो सकती है। जिससे सोने और चांदी के भाव में लम्बी अवधि के लिए नई दिशा मिल सकती है। लेकिन अमेरिका के कोर कंस्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़े अनुमान से कमजोर दर्ज किये गए जिसके कारण संपत्ति खरीद कार्यक्रम को टाले जाने की अटकले निवेशकों में रही और सोने के भाव को पिछले सप्ताह निचले स्तरों पर सपोर्ट रहा।
वही, अमेरिकी प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स में 1 प्रतिशत की मजबूती दर्ज की गई है जो की एक दशक के किसी महीने में सबसे अधिक है। हालांकि फेड अधिकारियो ने नियंत्रित मौद्रिक नीति पर समय को लेकर विभिन्न विचार दिए है। इस बीच, अमेरिकी आकड़ो के मुताबिक पिछले सप्ताह में 375,000 प्रारंभिक बेरोजगार दावे दायर किए गए, जो पहले दायर किए गए 387,000 दावों से कम थे। घरेलु वायदा सोने में कीमते सप्ताह में सपाट रही जबकि चांदी के भाव में 4 प्रतिशत की मंदी दर्ज की गई है।
साप्ताहिक आंकड़े
इस सप्ताह अमेरिका के प्रमुख आंकड़े है जिनमे : मंगलवार को रिटेल सेल्स, फेड चेयर जेरोम पॉवेल का बयान और बुधवार को फ़ेडरल रिज़र्व की बैठक प्रमुख है।
तकनीकी विश्लेषण
इस सप्ताह सोने और चांदी में ऊपरी स्तरों पर दबाव रह सकता है। सोने में 47000 रुपये पर प्रतिरोध है और 46000 रुपये पर सपोर्ट है। चांदी में 64000 रुपये पर प्रतिरोध और 61000 रुपये पर सपोर्ट है।