दिवाली का त्यौहार करीब आने के साथ ही कीमती धातुओं की मांग बढ़ने लगी है और इनकी कीमतों में चमक लौट आई है। भारतीय सराफा बाज़ारो में सोने की मांग बढ़ने के बीच, सोने की आपूर्ति करने वाले बैंको द्वारा बेहतर प्रीमियम होने के चलते अधिकतर शिपमेंट चीन और टर्की को भेजे जा रहे है जिससे कीमती धातुओं के भाव बढ़ने लगे है। यह सोने के लिए दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार भारत में कमी पैदा कर सकता है, और भारतीय खरीदारों को चरम-मांग वाले सीजन में अधिक प्रीमियम का भुगतान करने के लिए बाध्य कर सकता है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में लगातार दूसरे सप्ताह सुधार रहने से भी कीमती धातुओं को सपोर्ट रहा है। अमेरिकी फेड द्वारा लगातार कि जा रही ब्याज दर में वृद्धि के बीच, पिछले सप्ताह बेरोज़गारी के दावे और मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़े कमजोर रहे है जिससे आर्थिक मंदी का डर बढ़ने लगा है। ग्लोबल सेंट्रल बैंक द्वारा लगातार ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर वर्ल्ड बैंक ने आर्थिक मंदी आने के संकेत दिए है, जिससे कीमती धातुओं में निवेश की मांग भी बढ़ने लगी है। ग्लोबल इन्फ्लेशन में बड़ा हिस्सा रखने वाले कच्चे तेल के उत्पादन में ओपेक देशो द्वारा 2 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करने के कारण भाव पिछले सप्ताह 800 रूपए प्रति बैरल तक तेज़ हुए है जिससे कीमती धातुओं के भाव को सपोर्ट मिला है।
त्योहारों में मांग बढ़ने से सोने-चांदी की कीमतों में तेजी आती है
दिवाली का त्यौहार करीब आने के साथ ही कीमती धातुओं की मांग बढ़ने लगी है और इनकी कीमतों में चमक लौट आई है। भारतीय सराफा बाज़ारो में सोने की मांग बढ़ने के बीच, सोने की आपूर्ति करने वाले बैंको द्वारा बेहतर प्रीमियम होने के चलते अधिकतर शिपमेंट चीन और टर्की को भेजे जा रहे है जिससे कीमती धातुओं के भाव बढ़ने लगे है। यह सोने के लिए दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार भारत में कमी पैदा कर सकता है, और भारतीय खरीदारों को चरम-मांग वाले सीजन में अधिक प्रीमियम का भुगतान करने के लिए बाध्य कर सकता है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में लगातार दूसरे सप्ताह सुधार रहने से भी कीमती धातुओं को सपोर्ट रहा है। अमेरिकी फेड द्वारा लगातार कि जा रही ब्याज दर में वृद्धि के बीच, पिछले सप्ताह बेरोज़गारी के दावे और मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़े कमजोर रहे है जिससे आर्थिक मंदी का डर बढ़ने लगा है। ग्लोबल सेंट्रल बैंक द्वारा लगातार ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर वर्ल्ड बैंक ने आर्थिक मंदी आने के संकेत दिए है, जिससे कीमती धातुओं में निवेश की मांग भी बढ़ने लगी है। ग्लोबल इन्फ्लेशन में बड़ा हिस्सा रखने वाले कच्चे तेल के उत्पादन में ओपेक देशो द्वारा 2 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करने के कारण भाव पिछले सप्ताह 800 रूपए प्रति बैरल तक तेज़ हुए है जिससे कीमती धातुओं के भाव को सपोर्ट मिला है।