Pressure on the precious metals

फेड की बैठक से कीमती धातुओं की कीमतों में नरमी

तीसरी तिमाही में अमेरिका के जीडीपी आंकड़े अनुमान से मजबूत दर्ज किये गए जिससे पिछले सप्ताह डॉलर इंडेक्स में तेज़ी रही और कीमती धातुओं में बिकवाली का दबाव रहा। अमेरिका से जारी आकड़ो से संकेत मिलते है की ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद अमेरिकी अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थव्यवस्था में लचीलेपन के संकेत से फेडरल रिजर्व को तेज़ गति से ब्याज दरों को बढ़ाने के लिए अधिक जगह मिली हैं। इससे डॉलर और ट्रेजरी यील्ड को बढ़ावा मिला है और कीमती धातुओं पर दबाव बढ़ा है। मजबूत जीडीपी डेटा ने ऐसी उम्मीदों को कम कर दिया कि केंद्रीय बैंक दिसंबर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गति को धीमा कर देगा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा व्यापक रूप से अगले सप्ताह ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की वृद्धि की उम्मीद है, जो  इस साल चौथी ब्याज दर वृद्धि होगी। यूरो का उपयोग करने वाले 19 देशों के लिए केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने अपनी मैन रीफिनान्सिंग दर को 75 आधार अंकों से बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दिया, जो 2009 के बाद से उच्चतम दर है। पिछले सप्ताह एमसीएक्स में सोना 0.35 प्रतिशत टूट कर 50450 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तरों पर रहा जबकि चांदी की कीमते सपाट रही और 57700 रुपए प्रति किलो पर कारोबार करती रही।

तकनीकी विश्लेषण

इस सप्ताह अमेरिकी फ़ेडरल बैंक की बैठक और पैरोल के आंकड़े कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। और कीमतों में दबाव रहने की सम्भावना है। दिसम्बर वायदा सोने की कीमतों में 49700 रुपये पर सपोर्ट है और 51000 रुपये पर प्रतिरोध है। दिसंबर वायदा चांदी में 55000 रुपये पर सपोर्ट और 59000 रुपये पर प्रतिरोध है।

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