मिले-जुले वैश्विक रुझान से सोना-चांदी में तेज़ी।
अमेरिकी फेड की नई मुद्रा नीति पर बैठक के बाद सोने के भाव में फिर बढ़त देखि गई। एक मजबूत होता डॉलर और घटती यू.एस. ट्रेजरी उपज सोने के लिए लाभ को सीमित भी कर रही है। डॉलर, जो आमतौर पर सोने के विपरीत चलता है, तीन महीने में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। लेकिन अमेरिकी बांड उपज में गिरावट सोने के भाव को सपोर्ट कर रही है।
फेड की जून की बैठक के मिनटों ने संकेत दिया कि केंद्रीय बैंक 2021 के अंत तक अपनी संपत्ति खरीद को कम करने की दिशा में कदम उठा रहा है। हालांकि फेड अधिकारियों ने अमेरिकी आर्थिक सुधार पर आगे की प्रगति को जारी रहना जरुरी बताया और वे सहमत हुए की उम्मीद से ज्यादा जल्दी संपत्ति को घटाने की आवश्यकता है।
जबकि यूरोपियन सेंट्रल बैंक द्वारा फेड के विपरीत नजरिया रखा गया है। अटलांटा फेड के अध्यक्ष राफेल बॉस्टिक ने चेतावनी दी कि अधिक घातक डेल्टा प्लस संस्करण कोवीड-19 मामलों में एक नया उछाल लेकर आ सकता है और उपभोक्ताओं को बाज़ारो से दूर कर सकता है जो अमेरिकी सुधार को धीमा करने का कारण बन सकता है।
उधर, चीन की सरकारी बॉन्ड यील्ड में तेजी से गिरावट आई, क्योकि अधिकारी अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए बैंकों के रिज़र्व रेश्यो में समय पर कटौती का उपयोग करेंगे। पिछले सप्ताह चीन की तरफ से रिज़र्व रेश्यो रेट 0.5 प्रतिशत घटाया गया है। कॉमेक्स में सोना 1 प्रतिशत सप्ताह में तेज़ होकर 1800 डॉलर प्रति औंस और घरेलु वायदा सोना भी करीब 1 प्रतिशत तेज़ होकर 47700 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा है।
तकनीकी विश्लेषण
सोने और चांदी में इस सप्ताह तेज़ी बनी रहने की सम्भावना है। सोने में 48400 रुपये पर प्रतिरोध है और 47400 रुपये पर सपोर्ट है। चांदी में 71000 रुपये पर प्रतिरोध और 66000 रुपये पर सपोर्ट है।