फेड द्वारा ब्याज दरों में की गई वृद्धि के बाद सोने और चांदी के भाव में दबाव दिखा और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में उछाल आया। उम्मीद के मुताबिक फेड द्वारा दरों में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी के बाद सोना टूट गया और संभावित अमेरिकी मंदी के संबंध में फेड की भाषा भी नरम रही। लेकिन केंद्रीय बैंक ने श्रम बाजार में मजबूती और अपेक्षाकृत स्थिर मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए सितंबर में एक और संभावित बढ़ोतरी का दरवाजा भी खुला छोड़ दिया है। कॉमेक्स वायदा में सोना 1,950 डॉलर प्रति औंस के भीतर पहुंच गया है क्योंकि केंद्रीय बैंक ने भविष्य में दर बढ़ोतरी के लिए डेटा-संचालित दृष्टिकोण रखने का संकेत दिया है। बढ़ती ब्याज दरें कीमती धातुओं के लिए ख़राब संकेत हैं और उम्मीद है कि इस साल सोने में बढ़त सीमित रहेगी।फेड ने इस साल दर में कटौती की संभावना को भी कम कर दिया, और अमेरिकी ब्याज़ दर 22 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर बने रहने से कीमती धातुओं के बाजारों पर निरंतर दबाव की ओर संकेत कर रहा है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने भी पिछले सप्ताह ब्याज दरों को 0.25 प्रतिशत से बढ़ा दिया है। बैंक ऑफ़ जापान ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन अपने हॉकिश संकेतो से बाज़ार को चौंका दिया। बैंक ऑफ जापान द्वारा अपनी यील्ड कर्व नियंत्रण नीति के लिए अधिक लचीले दृष्टिकोण का संकेत देने के बाद बाजार कुछ हद तक जोखिम-विरोधी रहे, जिससे अंततः बैंक के अल्ट्रा डोवीश रुख से दूर जाने का संकेत मिला है। इस बीच, अमेरिका की जीडीपी और रोज़गार बाज़ार के आंकड़े अनुमान से बेहतर दर्ज किये गए जिससे कीमती धातुओं के भाव में दबाव बना। बेहतर आर्थिक आकड़ो के चलते आर्थिक मंदी का डर कम हुआ है जिससे निवेशक अमेरिकी डॉलर इंडेक्स की और आकर्षित हुए है। हालांकि, केंद्रीय बैंको का मौद्रिक नीति पर लगातार कठोर रुख ग्लोबल अर्थव्यवस्था को नुकसान पंहुचा सकता है, जो कीमती धातुओं को निकट भविष्य में सपोर्ट कर सकता है।
इस सप्ताह कीमती धातुएँ दबाव में रह सकती है। एमसीएक्स अक्टूबर वायदा सोने में सपोर्ट 58300 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 60500 रुपये पर है। सितम्बर वायदा चांदी में सपोर्ट 71000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।
प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की केंद्रीय बैंको द्वारा कठोर मौद्रिक निति का रुख कीमती धातुओं पर दबाव बनाने लगा है। यूरोप की कई सेंट्रल बैंक और फेड द्वारा उम्मीद से अधिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी, कीमती धातुओं में बिकवाली का दबाओ बनाये हुए है। ब्याज दरों में अधिक बढ़ोतरी का असर औद्योगिक धातुओं और कच्चे तेल के भाव में दिख रहा है, जिसके चलते इनकी कीमतों में भी बुलियन के साथ दबाव बना हुआ है। हालांकि, बाज़ारो में तरलता कम होने के कारण डिमांड की चिंता सेफ हैवन अपील बढ़ती है जो बढ़ती ब्याज दरों की परिस्थिति में बुलियन की जगह डॉलर को आकर्षित बना रही है। पिछले सप्ताह बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की वृद्धि की जो पूर्वानुमान से दो गुना है। ब्रिटैन की मुद्रास्फीति 8.7 प्रतिशत के स्तरों पर स्थिर बनी हुई है और मुद्रास्फीति को कम होने में अनुमान से अधिक समय लगने की उम्मीद है। यू.के. की मुख्य ब्याज दर अब 5 प्रतिशत हो गई है, जो 15 साल के बाद सबसे अधिक है।यू.के. केंद्रीय बैंक ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ठीक बाद लगातार 13 बार दरें बढ़ाई हैं, और लगातार 10 दौर की सख्ती के साथ अमेरिका में दरें 5.25 प्रतिशत के शिखर पर पहुंच गई हैं। पिछले सप्ताह अमेरिका से जारी एक्सिस्टिंग होम सेल्स और बिल्डिंग परमिशन के आंकड़े अनुमान से बेहतर दर्ज किये गए है जिससे डॉलर इंडेक्स को सपोर्ट मिला है। फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने पिछले सप्ताह सीनेट के सामने टेस्टीफाई देते हुए इस उम्मीद को मजबूत किया कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस साल दरों में कम से कम दो बार बढ़ोतरी करेगा। हालांकि, उच्च ब्याज दरें ग्लोबल अर्थव्यवस्था को नुकसान पंहुचा रही है और लम्बे समय तक उच्च ब्याज दरे मुद्रास्फीति में कमी के साथ आर्थिक मंदी को बढ़ावा देगा जो कीमती धातुओं को निचले स्तरों पर सपोर्ट करेगा। अगस्त वायदा सोने में पिछले सप्ताह 1.80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और भाव 58250 रुपये प्रति दस ग्राम, जबकि चांदी में 6 प्रतिशत से अधिक की साप्ताहिक गिरावट हुई जिससे इसके भाव 68000 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच गए है।
इस सप्ताह कीमती धातुओं में दबाव जारी रह सकता है। एमसीएक्स अगस्त वायदा सोने में सपोर्ट 56000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 59500 रुपये पर है। जुलाई वायदा चांदी में सपोर्ट 66000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 71000 रुपये पर है।
कीमती धातुओं में फेड के हॉकिश टिपण्णी के कारण पिछले सप्ताह बिकवाली का दबाव रहा और अमेरिका के मुद्रास्फीति आंकड़े साल-दर-साल 4.9 प्रतिशत से घट कर 4 प्रतिशत रह गए है। फेड ने आने वाले महीनों में दो बार और ब्याज दरे बढ़ाने के संकेत दिए है, जो कीमती धातुओं में दबाव बनाने का कारण रहा। हालांकि, फेड ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है और बैंक ऑफ़ चाइना द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए छोटी अवधि की ब्याज दरों में कटौती कर दी है, जिससे सोने और चांदी के भाव में निचले स्तरों से सुधार दर्ज किया गया है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने मैन रेफिनान्सिंग दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की और यूरोपियन सेंट्रल बैंक की प्रेसिडेंट लेगार्ड ने जुलाई में एक और बढ़ोतरी के संकेत दिए है, जिससे यूरो में मजबूती और डॉलर में दबाव बढ़ा है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में पिछले सप्ताह 1.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सोने और चांदी की कीमते पिछले कुछ महीनो से दबाव में रहने के बाद सिमित दायरे में देखि जा रही है। फेड के हॉकिश टिपण्णी के बावजूद सोने की कीमतों में निचले स्तरों से सुधार देखा गया है जबकि डॉलर इंडेक्स में छोटी अवधि की तेज़ी अब समाप्त होती दिख रही है जिससे कीमती धातुओं में तेज़ी शुरू होने के सम्भावना बढ़ रही है। प्रमुख अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में कम होता कंस्यूमर इन्फ्लेशन, अपेक्षा से अधिक साप्ताहिक बेरोजगारी दावे और कमजोर औद्योगिक उत्पादन, केंद्रीय बैंक को ब्याज दर बढ़ाने के लिए सीमित जगह देता है।
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी के रुझान देखने को मिल सकते है। एमसीएक्स अगस्त वायदा सोने में सपोर्ट 58400 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 60500 रुपये पर है। जुलाई वायदा चांदी में सपोर्ट 70000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 74000 रुपये पर है।
पिछले सप्ताह रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा अपनी मॉनेटरी पालिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और इस सप्ताह जारी होने वाले मुद्रास्फीति के आकड़ो में कमी होने के अनुमान से बाजार में तरलता बनी रहने की उम्मीद है। अमेरिका, चीन और यूरो जोन से जारी होने वाले आंकड़े कमजोर दर्ज किये गए जिससे सोने और चांदी के भाव निचले स्तरों से पलट गए है और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में छोटी अवधि के लिए आई तेज़ी पूरी होती दिखने लगी है। अमेरिका और यूरोप की अर्थव्यवस्था में व्यवसाइक गतिविधियाँ कम होने से निवेशकों का ध्यान कीमती धातुओं की और बढ़ने लगा है। पिछले सप्ताह जारी आकड़ो से संकेत मिले है कि 2023 की पहली तिमाही और 2022 की अंतिम तिमाही की बढ़ोतरी में गिरावट के बाद यूरोज़ोन अर्थव्यवस्था इस साल की पहली तिमाही में मंदी की चपेट में आ गई है। अमेरिका में बेरोज़गारी के आंकड़े 233 हज़ार से बढ़कर 261 हज़ार पहुंच गए है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओ से मिल रहे कमज़ोर संकेतो के चलते सोने और चांदी की कीमतों में पिछले सप्ताह निचले स्तरों से बढ़त दर्ज की गई है। लेकिन, बैंक ऑफ़ कनाडा द्वारा पिछले सप्ताह ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है और अमेरिका में रोज़गार बाज़ार में मजबूती रहने के कारण फेड हॉकिश रुख अपना सकता है, जिसके संकेत फेड सदस्य दे चुके है। अगर अर्थव्यवस्था में खपत के पैमानें पर नज़र डाली जाये तो अमेरिका में ड्राइविंग सीजन रहने के बावजूद और सऊदी अरब द्वारा पिछले सप्ताह कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने के बाद भी इसकी कीमतों में दबाव, अर्थव्यवस्था में मांग कमजोर रहने के संकेत देते है। चीन के सबसे बड़े बैंकों ने अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा देने के लिए पिछले सप्ताह बचतकर्ताओं के लिए ब्याज दरों में कटौती की, जिससे खपत की धीमी रफ़्तार में सुधार हो सके। इस सप्ताह अमेरिका के सीपीआई, एफओएमसी और यूरोपियन सेंट्रल बैंक की बैठक, और चीन की मौद्रिक नीति, कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
इस सप्ताह कीमती धातुओं में तेज़ी रहने की सम्भावना है। एमसीएक्स जून वायदा सोने में सपोर्ट 58300 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 61000 रुपये पर है। जुलाई वायदा चांदी में सपोर्ट 71000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।
In today's fast-paced world, where technology affects every aspect of our lives, it comes as no surprise that the financial markets have embraced automation. One such powerful technological advancement is algorithmic trading, popularly known as Algo trading. Algo trading has revolutionized the way financial instruments are traded, offering speed, precision, and efficiency like never before.
Algo trading, short for algorithmic trading, refers to the use of computer programs or algorithms to execute trades in financial markets. These algorithms are designed to analyze vast amounts of market data, identify patterns, and execute trades automatically without human intervention. Algo trading relies on complex mathematical models and statistical analysis to make data-driven decisions in real-time.
To engage in Algo trading, traders typically require access to a trading platform or a brokerage that supports algorithmic trading. These Algo trading platforms provide a range of tools and features to develop, test, and execute algorithms. Traders can code their algorithms using programming languages such as Python or use visual programming interfaces to create strategies without coding knowledge. While the technical aspects of Algo trading may seem daunting to beginners, many brokerage firms offer pre-built algorithms or algorithmic trading solutions that can be easily customized by individual traders. This accessibility allows traders with varying levels of technical expertise to participate in Algo trading.
Algo trading operates within a regulatory framework set by financial authorities to ensure fair and transparent markets. Regulatory bodies establish guidelines to prevent market manipulation, maintain market integrity, and safeguard investor interests. Traders engaging in Algo trading must comply with these regulations, including obtaining necessary licenses and adhering to reporting requirements. However, like any investment strategy, Algo trading carries certain risks. Technical glitches, system failures, or connectivity issues can result in substantial financial losses. Moreover, algorithms are only as good as the underlying data and assumptions they are based on. Sudden market shifts or unforeseen events can disrupt algorithms and lead to unexpected outcomes. It is essential for traders to thoroughly understand the risks involved and implement appropriate risk management measures.
Algo trading has rapidly gained popularity and is expected to continue its upward trajectory in the future. Advancements in technology, such as artificial intelligence and machine learning, are further enhancing the capabilities of Algo trading systems. These advancements enable algorithms to learn from past data, adapt to changing market conditions, and make more intelligent trading decisions. Moreover, as Algo trading becomes more accessible and user-friendly, it is attracting a broader range of market participants, including individual traders and small investors. The democratization of Algo trading has the potential to level the playing field and provide equal opportunities for all market participants.
Algo trading has revolutionized the financial markets, empowering traders with unprecedented speed, accuracy, and efficiency. Through the use of sophisticated algorithms, traders can leverage vast amounts of data to make informed trading decisions and execute trades in real-time. While Algo trading carries certain risks, when implemented with proper risk management measures, it can provide significant advantages and opportunities for market participants. As technology continues to advance, Algo trading is poised to evolve further, opening new avenues for innovation and profitability. Whether you are a seasoned trader or a novice investor, understanding and exploring the world of Algo trading can unlock new possibilities and help you stay ahead in today's dynamic investment landscape. So, embrace the power of Algo trading and embark on a journey of automated trading excellence.
भारत में शादियों का सीजन के दौरान सोने की कीमतों में बड़ा सुधार देखने को मिला है। पिछले सप्ताह एमसीएक्स में जून वायदा सोना 1.7 प्रतिशत टूट कर 59800 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तरों पर पहुंच गया। लगातार दो हफ्तों से सोने की कीमतों में ऊपरी स्तरों पर दबाव बना हुआ है और यह अपने उच्चतम स्तरों से 2000 रुपये प्रति दस ग्राम घट चुका है। दरअसल, अमेरिकी डेब्ट सीलिंग पर बिडेन प्रशाशन आशावादी रहा है और उम्मीद है की इसकी लिमिट बढ़ा दी जाएगी जिससे डेब्ट सीलिंग को लेकर चल रही अनिश्चितता कम हुई है और कीमती धातुओं के भाव में दबाव बना है। पिछले सप्ताह फेड चेयर जेरोम पॉवेल के अतिरिक्त अन्य फेड मेंबर्स की स्पीच से स्पष्ट हुआ है की ज्यादातर फेड मेंमबर आगे भी ब्याज़ दरों में वृद्धि के पक्ष में बने हुए है, जिससे बेंचमार्क अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड और डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कॉमेक्स वायदा बाजार में सोना 2089 डॉलर के उच्च स्तरों से टूट कर 1970 डॉलर प्रति औंस के निचे फिसल गया है। हालांकि, फेड मेंबर्स की मॉनेटरी पॉलिसी पर हॉकिश टिपण्णी के बाद, पिछले दो सप्ताह में डॉलर 1 रुपये मजबूत होकर 82.70 रुपये के स्तरों पर पहुंच गया है, जिससे घरेलु वायदा बाज़ार में सोने की गिरावट सीमित रही है। अमेरिका से जारी होने वाले रिटेल सेल्स के आकड़ो में पिछले महीने की तुलना में बढ़ोतरी दर्ज की गई है और बेरोज़गारी के दावे में कमी दर्ज की गई, जिससे संकेत मिलते है की उच्च ब्याज दरे रहने के बावजूद अर्थव्यवस्था मजबूत है इसके परिणाम स्वरुप फेड सदस्यों की टिपण्णी हॉकिश रही है। इस सप्ताह एफओएमसी मीटिंग के मिनट्स, अमेरिकी जीडीपी, बेरोज़गारी दावे और कोर पीसीई प्राइस इंडेक्स के आंकड़े महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनिकी विश्लेषण :
इस सप्ताह कीमती धातुओं में दबाव बने रहने की सम्भावना है। एमसीएक्स जून वायदा सोने में सपोर्ट 58000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 61800 रुपये पर है। जुलाई वायदा चांदी में सपोर्ट 70000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 74000 रुपये पर है।
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