फेड बैठक के बाद सोने की कीमतें प्रमुख स्तरों 2050 डॉलर से ऊपर चढ़ गईं और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 102 के निचले स्तरों पर पहुंच गया। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी और 2024 में ऋण लेने की लागत कम करने के संकेत दिए है। पिछले सप्ताह फेड ने अपनी इस साल की आखरी बैठक में ब्याज दरों को उम्मीद के मुताबिक यथावत रखा और अगले साल अनुमान से ज़्यादा बार ब्याज दरों में कटौती करने के संकेत दिए, जिससे कीमती धातुओं के भाव चमक गए और अमेरिकी डॉलर, जो चार महीने के निचले स्तरों पर पहुंच चुका है, के साथ बेंचमार्क ट्रेज़री यील्ड गिर कर 4 प्रतिशत के नीचे पहुंच गई है। लेकिन, सोने की कीमते अभी उच्चतम स्तर से दूर है क्योकि बाज़ार में यह अनिश्चिता बनी हुई है की फेड कब ब्याज दरें घटाना शुरू करेगा।
फेड ने कहा है कि ब्याज दरें अब 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं, और केंद्रीय बैंक 2024 में कम से कम तीन बार दरों में कटौती करेगा जिससे ब्याज दरें घट कर 4.6 प्रतिशत हो जाएगी। फेड चेयरमैन पॉवेल ने मुद्रास्फीति पर जीत की घोषणा करना जल्दबाजी बताया, फिर भी उन्होंने कम मुद्रास्फीति परिदृश्य का अनुमान लगाया है। फेड फंड वायदा कीमतों के अनुसार 70 प्रतिशत से अधिक संभावना है कि फेड मार्च 2024 में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा। लेकिन, दरों में कटौती पर अनिश्चितता आने वाले महीनों में आशावाद को कम कर सकती है, क्योकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूती अभी भी मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का कारण बन सकती है।
इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव में तेज़ी रह सकती है। एमसीएक्स फ़रवरी वायदा सोने में सपोर्ट 60500 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 64000 रुपये पर है। मार्च वायदा चांदी में सपोर्ट 73000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 78000 रुपये पर है।
एमसीएक्स में सोने की कीमते अपने उच्चतम स्तरों को पार कर चुकी है और स्थिर बनी हुई है। बढ़ती आर्थिक मंदी पर बढ़ती चिंताओं के बीच, एशिया भर से पर्चेसिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) आकड़ो ने सोने की सुरक्षित मांग को काफी हद तक मजबूत बना रखा है। नवंबर में सोना मजबूत रहा, क्योंकि बाजार को यकीन हो गया है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और वृद्धि नहीं करेगा, और 2024 में दरों में कटौती शुरू कर देगा। लेकिन संभावित ब्याज दरों में कटौती का समय बाजारों के लिए अनिश्चितता का एक प्रमुख बिंदु बना हुआ है। सोने के साथ -साथ निवेशकों का भरोसा जोखिम सम्पत्तिओं में भी बढ़ने लगा जिससे सोना और सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तरों पर पहुंच गए है। भू-राजनीतिक मुद्दों और उच्च ब्याज दरों के कारण जारी अनिश्चितता के कारण सोने और इक्विटी के बीच विपरीत संबंध टूट गया है, और इन मुद्दो के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि धीमी हो गई है जिससे सुरक्षित आश्रय की मांग बढ़ गई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था दबाव में है जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है और विदेशी निवेशक भारतीय बांड में रुचि लेने लगे हैं जो निवेशकों को जोखिम भरी संपत्तियों की ओर भी आकर्षित कर रहा है। अमेरिका के तीसरी तिमाही के आंकड़े बेहतर दर्ज किये गए है और अगले साल ब्याज दर कटौती की उम्मीद से बेंचमार्क अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड में गिरावट बनी हुई है जो सोने और चांदी के भाव को सपोर्ट कर रही है। अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद तीसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ रहा है, जो पहले बताए गए 4.9 प्रतिशत से संशोधित है और 2021 की चौथी तिमाही के बाद से सबसे तेज़ विस्तार है। मुद्रास्फीति के आंकड़े अब घटने लगे जिससे ब्याज दरों में कटौती जल्द शुरू होने के आसार बनने लगे है। पिछले सप्ताह फरवरी वायदा सोना 2 प्रतिशत तेज़ हो कर 62800 रुपये प्रति दस ग्राम और मार्च वायदा चांदी 3 प्रतिशत तेज़ हो कर 77800 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहे है। इस सप्ताह रोज़गार बाज़ार के आंकड़े कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव में तेज़ी रह सकती है। एमसीएक्स फ़रवरी वायदा सोने में सपोर्ट 61800 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 64000 रुपये पर है। मार्च वायदा चांदी में सपोर्ट 74000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 80000 रुपये पर है।
सोने और चांदी में फेड के मिनट्स जारी होने के बाद अमेरिका में थैंक्स गिविंग डे के चलते सिमित दायरे में कारोबार रहा। हालांकि, अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड और डॉलर इंडेक्स में नरमी के कारण सोने के भाव को सपोर्ट मिल रहा है। जबकि यूरोज़ोन से जारी होने वाले मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़े अनुमान से बेहतर दर्ज किये गए जिससे यूरोमें मजबूती पिछले सप्ताह भी क़ायम रहीऔर डॉलर इंडेक्स में दबाव रहा। रुपये में कमजोरी से भी सोने की कीमतों को सपोर्ट मिलाहुआ है।
नवंबर की शुरुआत से ही अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में भारी गिरावट देखी गई है, जो छह प्रतिशत या लगभग तीस आधार अंक से घट गई है। और, अमेरिकी डॉलर ने अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कमज़ोरी दिखाई है, जिससे यह सूचकांक 106 के उच्च स्तरों से गिरकर 103.70 से नीचे आ गया है,जो लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट का संकेत देता है। फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में निरंतर बढ़ोतरी की उम्मीदों और अगले वर्ष के लिए मुद्राबाजार वायदा द्वारा अनुमानित 85 आधार अंकों की कटौती की उम्मीदों से सोने की राह स्थिर बनी हुई है।
मुद्रास्फीति अनुमान की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ताओं को अगले पांच वर्षों में लगभग 3.2 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर की उम्मीद है। इस अनुमान पर बारीकी से नजर रखी जाती है क्योंकि यह फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णयों को प्रभावित कर सकता है और अगर उम्मीदें ऊंची बनी रहती हैं तो मुद्रास्फीति के मजबूत होने पर लगातार चिंता को दर्शाता है।
तकनिकी विश्लेषण : इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव में तेज़ी रह सकती है। एमसीएक्स दिसंबर वायदा सोने में सपोर्ट 60000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 62500 रुपये पर है। दिसंबर वायदा चांदी में सपोर्ट 71000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।
कीमती धातुओं के भाव ने पिछले सप्ताह मजबूती का प्रदर्शन किया है, और पिछले सप्ताह सोने के भाव एमसीएक्स में 2 प्रतिशत तेज़ हो कर 61000 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी के भाव 5 प्रतिशत बढ़ कर 73800 रुपये प्रति किलो के स्तरों पर पहुंच गए है। दरअसल, पिछले सप्ताह अमेरिका से जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े अनुमान से कमजोर दर्ज किये गए है जिससे निवेशकों को ब्याज़ दर वृद्धि पर रोक की उम्मीद बढ़ने लगी है। अमेरिका से जारी अन्य आर्थिक आकड़ो के साथ मुद्रास्फीति के आंकड़े भी अनुमान से कम दर्ज किये गए जो ब्याज दरों में आगे वृद्धि पर रोक के लिए फेड को विवश करेगा। कीमती धातुओं में सुरक्षित मांग बढ़ी है, क्योंकि जापान और यूरो क्षेत्र से कमजोर आर्थिक आकड़ो ने वैश्विक मंदी पर चिंता बढ़ा दी है। कीमती धातुओं में सबसे अच्छी तेज़ी गुरुवार को रही, जब आंकड़ों से स्पष्ट हुआ कि अमेरिका में बेरोजगारी के दावे लगातार चौथे सप्ताह उम्मीद से अधिक बढ़े है, जो श्रम बाजार में और अधिक ठंडक का संकेत है। रोज़गार बाज़ार और मुद्रास्फीति फेड के लिए दो प्रमुख कारण है जिसके आधार पर ब्याज़ दरों में बदलाव किया जाता है। अमेरिकी आकड़ो में कमजोरी दर्ज होने के बाद से बेंचमार्क बांड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में दबाव बना हुआ है, जिससे सोने और चांदी के भाव तेज़ हुए है। इस सप्ताह फेड की बैठक के मिनट्स जारी होंगे जिससे ब्याज दरों पर फेड के अगले निर्णय पर कुछ संकेत मिलेंगे। चीन अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राहत पैकेज और ब्याज दरों में कटौती कर रहा है और इस सप्ताह चीन की लोन प्राइम रेट भी बुलियन के भाव के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
तकनिकी विश्लेषण : इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव सिमित दायरे में रह सकते है। एमसीएक्स दिसंबर वायदा सोने में सपोर्ट 60000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 62500 रुपये पर है। दिसंबर वायदा चांदी में सपोर्ट 72000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।
फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की तीखी टिप्पणियों के बाद बाजार में अधिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर रोक लगाने के बारे में पुनर्विचार करने से पिछले सप्ताह कीमती धातुओं में मुनाफ़ा वसूली का दबाव हावी रहा। इजराइल-हमास युद्ध पर कम होती चिंताओं के बीच, सुरक्षित आश्रय की मांग में कमी ने सोने के प्रति आकर्षण को कम किया है। अक्टूबर में 10 प्रतिशत के उछाल के बाद, नवंबर की शुरुआत में सोने की कीमतों में भारी मुनाफावसूली हुई, जिससे इस सप्ताह पीली धातु तीन सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गई है। लेकिन सोने की कीमते कॉमेक्स में अभी भी 1960 डॉलर के आसपास बनी हुई हैं। अमेरिकी ट्रेज़री ऑक्शन में निराशा रहने के कारण इसके बॉन्ड में बिकवाली का दबाव बढ़ गया है जिससे बेंचमार्क अमेरिकी ट्रेज़री यील्ड में बढ़ोतरी, सोने में तेज़ी को सिमित कर रहा है। पिछले सप्ताह फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल अपने बयान में इस बात से सहमत नहीं थे कि मौद्रिक नीति पर्याप्त रूप से प्रतिबंधात्मक हो गई है, और संकेत दिए हे की मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी फिर से ब्याज़ दरों में बढ़ोतरी को आमंत्रित करेगा, जिससे सोने और चांदी की कीमते दबाव में बनी हुई है। फेड प्रमुख के बयान के बाद से साल 2024 में होने वाली महत्वपूर्ण ब्याज़ दर कटौती की उम्मीद पर बाज़ारो का आत्मविश्वास कम हुआ है। इस सप्ताह अमेरिका से जारी होने वाले मुद्रास्फीति और रिटेल सेल्स के आंकड़े कीमती धातुओं के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
इस सप्ताह कीमती धातुओं के भाव में मुनाफ़ा वसूली जारी रह सकती है। एमसीएक्स दिसंबर वायदा सोने में सपोर्ट 59200 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 62000 रुपये पर है। दिसंबर वायदा चांदी में सपोर्ट 69000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 73000 रुपये पर है।
दिवाली को निवेश करने के लिए भी शुभ समय माना जाता है और कई लोग इस दौरान सोने में निवेश करना चुनते हैं। सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है और ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दौरान सोना खरीदने से सौभाग्य और धन में वृद्धि होती है। प्रतीकात्मक और सांस्कृतिक महत्व से परे, दिवाली के दौरान सोने के उपयोग के व्यावहारिक वित्तीय निहितार्थ भी हैं। कई लोगों के लिए, यह एक ऐसी संपत्ति में निवेश करने का अवसर है जिसमे समय के साथ बढ़ोतरी होती है, जिससे वित्तीय सुरक्षा की भावना मिलती है। रोशनी का त्योहार खुशी, एकजुटता और उत्सव का समय है। सोना, अपने प्रतीकात्मक और व्यावहारिक महत्व के साथ, इन उत्सवों में केंद्रीय भूमिका निभाता है। यह सिर्फ एक धातु से कहीं अधिक है; यह धन, समृद्धि और उज्जवल भविष्य की आशा का प्रतिनिधित्व करता है। चाहे वह आभूषणों, सिक्कों या सजावट के रूप में हो, दिवाली के दौरान सोने की चमकती उपस्थिति हमें प्रचुरता, उदारता और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के मूल्यों की याद दिलाती है। चूँकि दुनिया भर में दिवाली मनाई जा रही है, इस बहुमूल्य धातु की सुनहरी चमक हमेशा उत्सव का एक अविभाज्य हिस्सा बनी रहेगी। वर्तमान में विभिन्न देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, जिससे अनिश्चितता बढ़ रही है। अनिश्चितता के समय में सोने की भूमिका अहम हो जाती है और यह भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक उथल-पुथल और प्राकृतिक आपदाओं के कारण निवेशकों के पैसे को अवमूल्यन से बचाता है। हाल के दिनों में, इज़राइल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है, जबकि रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से युद्ध चल रहा है। नतीजतन, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ी है, और मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के लिए सोना सबसे अच्छा परिसंपत्ति वर्ग है। हालाँकि, यूएस फेड और अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अपनी ब्याज दरें बढ़ाना शुरू कर दिया है, लेकिन उच्च उधार लागत वैश्विक विकास को नुकसान पहुंचा रही है। वर्तमान में, अमेरिका में ब्याज दरें 5.5 प्रतिशत पर हैं, जो काफी अधिक है, और ब्याज दरों में और वृद्धि से आर्थिक उथल-पुथल हो सकती है। हालांकि 2024 के मध्य में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है, और इससे सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है। चल रहे भूराजनीतिक तनाव और मंदी के डर ने सेफ हैवन की मांग बढ़ा दी है, और यह 2024 तक जारी रह सकती है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल तक कॉमेक्स डिवीजन में सोने की कीमतें 2250 डॉलर तक बढ़ सकती हैं, जबकि एमसीएक्स में कीमतें 64,000 रुपये से 66000 रुपये प्रति दस ग्राम तक बढ़ सकती हैं। सोने की कीमतों को 56000 पर महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त है। चांदी की कीमतें भी ऊपर की ओर बढ़ रही हैं और आगामी वर्ष में 78000 से 80000 प्रति किलोग्राम के स्तर का परीक्षण कर सकती हैं।
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