EPACK Durable Limited is the second largest room air conditioner original design manufacturer (“ODM”) in India in terms of number of units (indoor units + outdoor units) manufactured in Fiscal 2023. Its current product portfolio currently comprises i) Room air conditioners where it designs and manufactures complete RACs. ii) Small domestic appliances. and iii) Components.
Bajrang Bothra
Chairman and Whole-time Director on the Board of the Company. He oversees the business operations and management of the Company. He has a master’s degree in commerce from Shri Ram College of Commerce, University of Delhi, Delhi. He has approximately 27 years of experience in the electronics manufacturing sector.
Ajay DD Singhania
Managing Director and Chief Executive Officer of the Company. He has approximately 24 years of experience in the electronics manufacturing sector. He oversees the sales and marketing, production, supply chain management, and R&D departments of the Company.
Rajesh Kumar Mittal
Chief Financial Officer of the Company. He has been associated with the Company since June 8, 2020. He has approximately 25 years of post-qualification work experience in the finance and accounting.
Esha Gupta
Company Secretary and Compliance Officer of the Company. She has been associated with the Company since April 3, 2023. She has approximately 15 years of experience in the secretarial sector.
COMPARISON WITH LISTED INDUSTRY PEERS (AS ON 31ST MARCH 2023)
FINANCIALS (RESTATED CONSOLIDATED)
EPACK Durable is India's second-largest room air conditioner (RAC) ODM. The company boasts long-standing relationships with top customers, leverages advanced vertically integrated manufacturing and possesses robust product development capabilities. EPACK Durable prioritizes continuous product portfolio expansion. And its consistent financial performance demonstrates operational efficiency and growth potential.
However, some key risks warrant consideration. The company's dependence on a limited number of major customers. Additionally, the RAC industry is highly competitive, and the business experiences seasonal fluctuations.
The issue is fully priced at a P/E valuation of 56.4x; thus, considering all the factors ,we recommend that investors apply for this IPO with a mid- to long-term view. However, they should carefully evaluate their risk tolerance and current market sentiments.
इस सप्ताह फेड की अहम बैठक के अलावा दूसरे ग्लोबल फैक्टर महत्वपूर्ण होंगे| भारतीय शेयर बाजार इस साल ग्लोबलमार्केट से बेहतर प्रदर्शनकर रहे हैं, लेकिन पिछला सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए एकशानदार सप्ताह रहा था, जहां निफ्टी और सेंसेक्स ने17,793 और 59,737 के अपने नएउच्चतम स्तर को छुआ, साथही बैंक निफ्टी भी अपने उच्चत्तमस्तर पर पहुंच गयाहै| टेलीकॉम क्षेत्र के लिए राहतपैकेज, बेड बैंक की घोषणा, एफआईआईद्वारा जोरदार खरीदारी, और बड़े पैमानेपर शॉर्ट-कवरिंग भारतीय शेयर बाजारों के बेहतर प्रदर्शनके प्रमुख कारण थे।
बेहतरप्रदर्शन के बाद भारतीयबाजार के लिए अगलाहफ्ता महत्वपूर्ण होने जा रहा हैक्योंकि ग्लोबल बाजारों में कुछ कमजोरी है जहां 21-22 सितंबरको होने वाली एफओएमसी की बैठक कानतीजा एक महत्वपूर्ण फैक्टरहोगा। ऐसी संभावना है कि यूएसफेड बॉन्ड टेपरिंग की समय-सीमाके बारे में बात कर सकता हैजो नवंबर तक हो सकतीहै और इस वजहसे ग्लोबल इक्विटी बाजारों में सतर्कता देखने को मिल सकतीहै| चीन से मंदी केकुछ संकेत मिल रहे है जो भी चिंता का एक विषयहै, विशेष रूप से मेटल सेक्टरके लिए जहां अधिकांश मेटल शेयरों में पिछले सप्ताह से ही कमजोरी दिखाई देने लगी है। यूएस फेड के अलावा, बैंकऑफ जापान भी 22 सितंबर को अपनी मोनेटरी पॉलिसी जारी करेगा। अमेरिका और अन्य देशों में बढ़ते COVID-19 के मामले भी बाजार के मूड को बिगाड़ सकते हैं।
डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बांड यील्ड पर रहेगी नज़र
डॉलरइंडेक्स का उतार-चढ़ावऔर यूएस बॉन्ड यील्ड भारत जैसे उभरते बाजारों के चाल मेंअहम भूमिका निभाएंगे। डॉलर इंडेक्स 93.5 के महत्वपुर्ण रेसिस्टेन्सस्तर के आसपास कारोबारकर रहा है और अगरयह इस स्तर कोपार करने में सक्षम हो जाता हैतो हमे इसमे तेज उछाल की उम्मीद कर सकते हैं, इसके अलावा यूएस 10-ईयर बॉन्ड यील्ड भी निचले स्तरोसे उछाल के संकेत देरही हैं। यदि डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि होगी तो एफआईआई की रणनीति को देखना महत्वपूर्ण होगा क्योंकि हमने पिछले कुछ दिनों में एफआईआई द्वारा बड़ी खरीदारी देखी है और इससेलार्ज-कैप शेयरों में अच्छी तेजी आई है।
हमएक मजबूत बुल मार्केट में हैं और हमारा माननाहै कि यह अगले2-3 वर्षों तक जारी रहसकता है, लेकिन लंबे समय के बाद, कुछ फैक्टर ऐसे हैं जो संकेत देते हैं कि बाजार मेंएक शार्ट टर्म करेक्शन देखने को मिल सकताहै| निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 30500 के रेजिस्टेंस सेपलट रहा है और निफ्टीमें भी 17800-17850 रेजिस्टेंस जोन के पास कुछ बिकवाली का दबाव देखा गया|
निचे की ओर 17,430-17,250 एक महत्वपूर्ण सपोर्ट क्षेत्र है; इससे नीचे, हमें बाजार में कमजोरी देखने को मिल सकती है और निफ़्टी 16,700 के स्तर की ओर अग्रसर हो सकता है, जबकि अगर निफ्टी 17,800-17,850 क्षेत्र के ऊपर निकलने में कामयाब हो जाता है तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि यह 18000 के लेवल तक जा सकता है|
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने के चलते सोने और चांदी के भाव को सपोर्ट मिला हुआ है और कीमते हल्के दबाव के साथ सीमित दायरे में बनी हुई है। अमेरिका से जारी मुद्रास्फीति के आंकड़े अनुमान से बेहतर दर्ज किये गए, लेकिन भू -राजनितिक तनाव के चलते बुलियन की कीमतों में गिरावट सीमित रही। हालांकि, सप्ताह के अंत में सोने की कीमतों में कुछ मजबूती देखी गई, लेकिन अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता के बीच, कीमते 0.5 प्रतिशत की गिरावट के बाद 62250 रुपये प्रति दस ग्राम रही। चांदी की कीमते भी पिछले सप्ताह 1 प्रतिशत मंदी रहने के बाद 72000 रुपये प्रति किलो पर कारोबार करती रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आकड़ो ने पिछले गुरुवार को स्पष्ट किया कि अमेरिकी मुद्रास्फीति दिसंबर में उम्मीद से थोड़ी अधिक बढ़ी, जो श्रम बाजार में हालिया लचीलेपन के साथ मिलकर, फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों में जल्दी कटौती शुरू करने के लिए कम प्रोत्साहित कर सकती है। जबकि कई फेड अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रारंभिक दर में कटौती पर दांव अत्यधिक आशावादी है। हालांकि केंद्रीय बैंक द्वारा इस साल के अंत तक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है, लेकिन इस कदम का समय मुद्रास्फीति में कमी और श्रम क्षेत्र में नरमी पर निर्भर करेगा। अमेरिकी मुद्रास्फीति आकड़ो के बाद डॉलर इंडेक्स को सपोर्ट मिला और सोने-चांदी के भाव में स्थिरता रही।
इस सप्ताह सोने और चांदी की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। एमसीएक्स फ़रवरी वायदा सोने में सपोर्ट 61000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 64000 रुपये पर है। मार्च वायदा चांदी में सपोर्ट 69000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 74000 रुपये पर है।
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में निचले स्तरों से उछाल आने के बाद सोने और चांदी की कीमतों में पिछले सप्ताह दबाव बना रहा। फेड के मीटिंग मिनट्स में सभी फेड सदस्यों की ब्याज दर कटौती को लेकर एकमत रहे, लेकिन ब्याज दर कटौती का समय स्पष्ट नहीं रहा, जिससे अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और ट्रेज़री यील्ड में तेज़ी रही और कीमती धातुओं के भाव में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, 2023 के आखिरी कुछ दिनों में सोने में जोरदार तेजी देखी गई, इस आशावाद के बीच कि फेड मार्च 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती शुरू कर सकता है। लेकिन नए साल की शुरुआत में कीमती धातुओं को कुछ मुनाफावसूली का सामना करना पड़ा, जबकि निवेशकों ने केंद्रीय बैंक से शुरुआती दरों में कटौती की उम्मीदों को भी कुछ हद तक कम कर दिया है। फेड मीटिंग के मिनट्स के बाद से ही सोने और चांदी में गिरावट देखि जा रही है, मिनट्स में कुछ संकेत दिए गए कि बैंक इस साल दरों में कटौती कब शुरू करेगा। जबकि अधिकांश फेड अधिकारियों ने 2024 में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों तक की कटौती देखी, जबकि दर में कटौती के समय पर बहुत कम सहमति रही। 2024 की शुरुआत में सोने में कुछ कमजोरी देखी गई, फिर भी यह 2023 के 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़त पर है। इस साल ब्याज दरों में कमी से कीमती धातुओं को लाभ होने की उम्मीद है, क्योकि उच्च दरें खरीदने की अवसर लागत को बढ़ा रही थी।
इस सप्ताह सोने और चांदी की कीमते दबाव में रह सकती है। एमसीएक्स फ़रवरी वायदा सोने में सपोर्ट 61000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 64000 रुपये पर है। मार्च वायदा चांदी में सपोर्ट 69000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 74000 रुपये पर है।
2023 के मध्य के दौरान मौद्रिक नीति पर फेड का लहजा सख्त था, जिसने सोने में तेजी को सीमित कर दिया। हालांकि, 2023 के अंत में, फेड ने संकेत दिया कि उन्होंने दर वृद्धि पूरी कर ली है और 2024 में ब्याज दरों में कटौती शुरू कर देंगे, जिससे पिछले तीन सप्ताह से सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। जब ब्याज दरें कम रहती हैं, तो मुद्रास्फीति बढ़ने लगती है, जिससे बाद में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं। 2024 में, फेड मौद्रिक नीति पर डोवीश रहेगा, जो सोने की तेजी के लिए अनुकूल स्थिति होगी। वर्तमान में सोना और इक्विटी दोनों रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहे हैं, घटती ट्रेजरी यील्ड, अमेरिकी डॉलर में गिरावट और आगामी वर्ष में कम ब्याज दरों की उम्मीद के कारण सोने की कीमतों को समर्थन मिलता रह सकता है। साल 2023 के भू-राजनीतिक मुद्दे और क्षेत्रीय संघर्ष साल 2024 में भी जारी रह सकते है, जिससे सोने की कीमतें और भी ऊंचे स्तर पर पहुंच सकती हैं। साल 2023 में चांदी की कीमतें 70000 रुपये से 77000 रुपये के दायरे में रहीं, जो अगले वर्ष के लिए संचय का संकेत देते है। हालांकि, सोने-चांदी के अनुपात ने चांदी की धारणा को नुकसान पहुंचाया है। कम ब्याज दरें और भू-राजनीतिक कारक 2024 में चांदी की कीमतों का समर्थन कर सकते है। कम खदान उत्पादन, उच्च मांग की उम्मीद और मंदी की आशंका के बीच अर्थव्यवस्था की वृद्धि, चांदी की कीमतों का समर्थन कर सकती है। इस साल अर्थव्यवस्था में वृद्धि चांदी की कीमतों के लिए प्रमुख चालक हो सकती है। निवेशकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी के दौरान मंदी का डर देखा है, लेकिन वह डर सच नहीं हुआ है। उच्च ब्याज दरों के बावजूद, अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है, और फेड की नरम मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था को समर्थन देगी, जिससे आगामी वर्ष में चांदी की मांग बढ़ सकती है।
इस सप्ताह सोने और चांदी की कीमते सीमित दायरे में रह सकती है। एमसीएक्स फ़रवरी वायदा सोने में सपोर्ट 61500 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 64000 रुपये पर है। मार्च वायदा चांदी में सपोर्ट 71000 रुपये पर है और रेजिस्टेंस 76000 रुपये पर है।
Azad Engineering manufactures and supplies high-precision forged and machined components to global original equipment manufacturers (“OEMs”) in the energy, aerospace, defense, and oil and gas industries, manufacturing highly engineered, complex, and mission and life-critical components. The Company’s products include 3D rotating airfoil/ blade portions of turbine engines and other critical components.
Rakesh Chopdar
Chairman and CEO of the Company. He has completed his education until the 10th standard from Trinity Public School, Hyderabad, Telangana. He has been involved with the Company since 2003 and has more than two decades of experience in engineering and manufacturing activities.
Ronak Jajoo
Chief Financial Officer of the Company. He has previously worked with Pransa Financial Consultants Private Limited as vice president. He joined the Company on April 15, 2021.
Ful Kumar Gautam
Company Secretary and Compliance Officer of the Company. He has passed the examination in relation to bachelor’s degree in commerce (insurance) from Loyola Academy Degree & P.G. College and is an associate member of the Institute of Company Secretaries of India. He is also an associate member of the Insurance Institute of India.
COMPARISON WITH LISTED INDUSTRY PEERS (AS ON 31ST MARCH 2023)
FINANCIALS (RESTATED CONSOLIDATED)
Azad Engineering stands as a prominent player within its segment, boasting strong, long-standing relationships with renowned global OEMs. Its diverse product offerings and technologically advanced manufacturing facilities position it for continued growth. Additionally, the company's consistent financial track record instills confidence.
However, investors should carefully consider potential risk factors. Stringent compliance and quality requirements inherent in the business, reliance on a limited number of key clients, and global market exposure all require careful monitoring.
Currently, the IPO is fully priced at a P/E ratio of around 50x. While this may appear fully priced, Azad Engineering's strong market position, promising future growth prospects, and current optimistic market sentiment could still present a potential opportunity for investors. Thus, we suggest Subscribe rating for this IPO.
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